जानिए क्या होते हैं Cracked Software, क्या होते हैं इनके फायदे और नुकसान - जरा सोचिए, अगर आपको किसी सॉफ्टवेयर की बहुत ज्यादा जरूरत हो लेकिन वह काफी ज्यादा महंगा हो। तो ऐसे में आप क्या करेंगे। जाहिर सी बात है कि आप उस सॉफ्टवेयर को खरीदने के लिए अपनी जेब ढीली करेंगे लेकिन अगर कहीं से आपको वह सॉफ्टवेयर फ्री में मिल जाए। दरअसल कई बार कुछ कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के क्रेक्ड वर्जन हमें बड़ी आसानी से मिल जाते हैं और उनका इस्तेमाल करने पर कोई खास नुकसान भी नहीं होता है।
बिना सॉफ्टवेयर के कंप्यूटर केवल और केवल एक डिब्बा ही है। इसलिए हमें उसे चलाने के लिए सॉफ्टवेयर की काफी ज्यादा जरूरत पड़ती है। यही वजह है कि कई बार हमें कुछ प्रमुख सॉफ्टवेयर के लिए पैसे देने पड़ते हैं लेकिन कई बार जुगाड़ से इन सॉफ्टवेयर के क्रेक वर्जन भी हमें मिल जाते हैं।
क्या होता है क्रेक्ड सॉफ्टवेयर
दरअसल कभी-कभी हम कंप्यूटर में कुछ जरूरी सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करने के लिए जुगाड़ करते हैं, जिससे हमें उसे इंस्टॉल करने के लिए पैसे न चुकाने पड़ें। इस जुगाड़ की प्रक्रिया को ही सॉफ्टवेयर क्रेक करना कहा जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान जो कंप्यूटर प्रोग्राम हमारे सामने खुलकर आता है, उसे ही हम क्रेक्ड सॉफ्टवेयर कहते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान हमें उस सॉफ्टवेयर के एक्टिवेशन कोई चार्ज नहीं देना होता है।
किसी भी कंप्यूटर प्रोग्राम का एक वास्तविक कोड होता है, जिसे कुछ अज्ञात प्रोग्रामरों के द्वारा बदल दिया जाता है। कोड बदल जाने के बाद ये सॉफ्टवेयर आसानी से फ्री में इंस्टॉल हो जाते हैं और उसके एक्टिवेशन के लिए हमें कोई भी फीस नहीं देनी होती है।
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Cracked Software के फायदे
क्रेक्ड सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करने के कुछ फायदे होते हैं, तो कुछ नुकसान भी। सबसे पहले हम आपको इनसे होने वाले फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं।
- क्रेक्ड सॉफ्टवेयर का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसे इंस्टॉल करने के लिए हमें किसी भी तरह की फीस नहीं देनी होती है।
- क्रेक्ड सॉफ्टवेयर्स को डाउनलोड करने के लिए आपको ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं है, बस आप गूगल के जरिए इसे आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। जो कि कुछ सेकेंड में ही आपको मिल जाता है।
- इस सॉफ्टवेयर को आप भी आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं और साथ ही अगर आप इसे अपने किसी दोस्त को या फिर किसी अन्य के साथ शेयर करना चाहें, तो वह भी आसानी से कर सकते हैं।
- इन सॉफ्टवेयर को इस्तेमाल करने के लिए किसी की परमिशन की जरूरत नहीं होती। तो ऐसे में हम इसे कभी भी और कहीं भी उपयोग कर सकते हैं।
Cracked Software के नुकसान
कंप्यूटर या फिर लैपटॉप में क्रैक्ड सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करने के कुछ बड़े नुकसान भी होते हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में-
- इस तरह के सॉफ्टवेयर चोरी से क्रैक किए जाते हैं, इन पायरेटेड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना तो बेहद आसान होता है लेकिन यह एक गैर कानूनी काम होता है।
- जब हम कोई क्रैक्ड सॉफ्टवेयर अपने कंप्यूटर में डाउनलोड करते हैं, तो भविष्य में आने वाले उस सॉफ्टवेयर का कोई भी अपग्रेड वर्जन हमें नहीं मिलता है। क्योंकि इस तरह के सॉफ्टवेयर का कनेक्शन काट दिया जाता है, जो कि एक खास तरह के सर्वर से जुड़ा रहता है।
- क्रेक्ड सॉफ्टवेयर की प्रोग्राम बदले जाने से मुख्य सर्वर से उसका कनेक्शन टूट जाता है। ऐसे में यह सॉफ्टवेयर सुरक्षित नहीं रहता और आपके कंप्यूटर को नुकसान पहुंचा सकता है। यह आपके कंप्यूटर को नियंत्रण में लेकर सभी अहम डाटा सॉफ्टवेयर डेवलेपर को भेज सकता है।
- कोई भी सॉफ्टवेयर जब क्रेक किया जाता है, तो उसके जल्द ही क्रैश होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में इस तरह के सॉफ्टवेयर सुरक्षित नहीं रहते हैं।
- इस तरह के सॉफ्टवेयर किसी भी कंपनी या फिर यूजर के नहीं होते हैं। ऐसे में अगर इनके प्रोग्राम में कोई गलती होती है, तो उसे सही करने के लिए सेलर या फिर निर्माता कोई मदद नहीं कर पाते हैं।
कहां से डाउनलोड करें Cracked Software
क्रेक्ड साफ्टवेयर के बारे में इतनी जानकारी मिलने के बाद अब आपके मन में यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर हम इन सॉफ्टवेयर के कैसे और कहां से डाउनलोड कर सकते हैं। तो हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर आप इन सॉफ्टवेयर के कहां से डाउनलोड कर सकते हैं।
आपको बता दें कि कई ऐसी वेबसाइट मौजूद हैं, जहां से आप इस तरह के क्रेक्ड सॉफ्टवेयर को डाउनलोड कर सकते हैं-
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